मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कल मंगलवार को संविदा कर्मिओं के हित में एक बहुत बड़ा फैसला लेने का ऐलान किया जिसे सुनकर संविदा कर्मी खुसी से झूम उठेंगे, हाल ही में लखनऊ में हुए विश्व ग्लोबल इन्वेस्टर प्रोग्राम से कल मंगलवार को मुख्यमंत्री द्वारा कई ऐलान किये जिसमें एक ऐलान उत्तर प्रदेश के संविदा कर्मियों के हित में था जिसे सुनकर उत्तर प्रदेश के सभी संविदा कर्मी खुस हो गये हैं, जिसे सुनकर आप भी खुसी से उछल पड़ेंगे,
पंचायती हेल्प |
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुयी कैबिनेट बैठक में रखे प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है जिसमें लिखा है कि वेतन समिति 2016 द्वारा प्रतिवेदन भाग तीन के माध्यम से कृषि विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों और भाग चार के माध्यम से संविदा कर्मियों के सम्बन्ध में दी गयी संस्तुतियों पर मुख्य सचिव समिति के विचार को संस्तुति दी गयी, राजकीय विभाग में नियुक्त संविदा कर्मियों को सातवें वेतनमान की संस्तुतियों के मुताबिक संविदा राशि दी जाएगी इसका लाभ 10 हजार से अधिक की संख्या में तैनात संविदा कर्मियों को होगा /
संविदा राशि में 10 से 30 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है सातवें वेतनमान मिलने की शर्त यह है कि संविदा कर्मचारी सृजित पद के सापेक्ष चयन समिति द्वारा चयन किये गए हों, साथ ही उन्हें वेतनमान व महंगाई भत्ता मिल रहा हो,
मुख्य सचिव की संस्तुतियां पुरी तरह स्वीकार- मुख्य सचिव की संस्तुतियों को कैबिनेट ने पूरी तरह स्वीकार कर लिया है इन संस्तुतियों के मुताबिक कृषि विभाग के अधिकारियो कर्मचारियों के लिए वर्तमान में लागु व्यवस्था को बनाये रखने के लिए और राजकीय विभागों के संविदा कर्मियों को संसोधित दर पर संविदा राशि दिए जाने का अनुमोदन किया गया है,
संविदा कर्मियों के लिए इतने बड़े फैसले को लेकर सरकार ने कितने बजट का अनुमान राशि को तय किया है -इन संस्तुतियों से राज्य सरकार पर करीब 29 करोड़ रूपये अतिरिक्त वार्षिक व्ययभार आ जायेगा , ऐसा कहा जा रहा है कि सबसे अधिक संविदा कर्मी स्वस्थ्य विभाग में हैं, आशा, चिकित्सक, विशेषज्ञ चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, पदों पर संविदा कर्मी तैनात हैं, इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग में राजकीय डिग्री कॉलेजों में तैनात है, और हाल ही तैनात पंचायती राजविभाग में नियुक्त पंचायत सहायक है,
मंगलवार को लिए गए सरकार के इस फैसले से संविदा कर्मियों को ख़ुशी तो हुयी लेकिन शर्तों को सुनकर मन उदास हो गया लेकिन कुछ तो सही आखिर सरकार ने संविदा कर्मियों के बारे में कुछ तो फैसला किया इससे यह साबित होता है सरकार का ध्यान संविदा कर्मियों पर भी संकेद्रित होता है ,
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