स्वच्छ भारत मिशन (तरल कचरा प्रबंधन) 2023
- ग्रे वाटर
- ब्लैक वाटर
- स्टॉर्म वाटर
- ट्रीटमेंट/प्रयोग
- स्वच्छ भारत मिशन
(तरल अपशिष्ट को मोटे तौर पर तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है )
1- ग्रे वाटर ( gray water ):-
रसोई, स्नान, कपडे धोने, और घर की अन्य साफ़-सफाई से निकलने वाला गन्दा पानी ग्रे वाटर कहलाता है/ यह पानी कम प्रदूषित होता है और इसे आसानी से ट्रीट किया जा सकता है / जिसे उसके पश्चात पौधों में या शौचालय में प्रयोग किया जा सकता है जिसको एकत्रित करने के लिए शोक पिट का प्रयोग करते हैं /
2-ब्लैक वाटर ( black water ):-
इस जल में मानव मल सामिल है, यह अधिक प्रदूषित होता है और यह जल जमीन की सतह पर बहाने से वातावरण के संपर्क में आने से पर्यावरण व् स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, इसीलिए इसे ब्लैक वाटर कहते हैं /
3-स्टॉर्म वाटर ( storm water ):-
इसे वर्षा जल भी कहते हैं, बारिश में बरसने वाला पानी छतों से होकर नालियों में प्रवाहित होता जिसको एकत्रित करके कृषि कार्य व् पोधों में प्रयोग कर सकते हैं /
ट्रीटमेंट करने के बाद:-
- ग्रे वाटर - का कृषि, पेड़ पौधों के लिए प्रयोग किया जा सकता है, जिससे ताजे पानी की आवश्यकता कम होगी, ग्रे वाटर का प्रबंधन सोखता गड्ढे द्वारा किया जा सकता है, ग्रे वाटर गाँव के नालों-नालियों के माध्यम से किसी ऐसे स्थान पर एकत्रित होता है, जो लईंग एरिया हो, वहां ग्राउंड वाटर रीचार्ज या कृषि के लिए उपयोग में लाया जा सकता है/
- ब्लैक वाटर - के प्रबंधन के लिए लीचपिट हैं जोकि सोख्ते गड्ढे की तरह ही हैं पर इनमे कोई फ़िल्टर नहीं लगाया जाता है और उसे ढक दिया जाता है ताकि उसमें कोई मक्खी या मच्छर न जाये/ यह प्राकृतिक तरीके से फ़िल्टर होता है/
स्वच्छ भारत मिशन (swachh bharat mishan):-
सार्वभौमिक स्वच्छता प्राप्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाने के लिए और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु भारत के प्रधान मंत्री ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का आरंभ किया था। मिशन के तहत, भारत में सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रामीण भारत में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती तक स्वयं को "खुले में शौच से मुक्त" (ओडीएफ) घोषित किया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि खुले में शौच न करने की प्रथा स्थायी रहे, कोई भी वंचित न रह जाए और ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन की सुविधाएं सुलभ हों, मिशन अब अगले चरण II अर्थात् ओडीएफ-प्लस की ओर अग्रसर है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण के तहत ओडीएफ प्लस गतिविधियां ओडीएफ व्यवहार को सुदृढ़ करेंगी और गांवों में ठोस एवं तरल कचरे के सुरक्षित प्रबंधन के लिए मध्यवर्तन करने पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
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