पंचायत सहायक इस्तीफा क्यों दे रहे हैं | सचिव और प्रधान कर रहे हैं शोषण | दे रहे हैं हटाने की धमकियां | पंचायती राज विभाग 2022-2023

पंचायत सहायक इस्तीफा क्यों दे रहे हैं | सचिव और प्रधान कर रहे हैं शोषण | दे रहे हैं हटाने की धमकियां | पंचायती राज विभाग 2022-2023


  • जगह-जगह से पंचायत सहायकों के शोषण होने की खबरें सामने आ रहीं हैं, किस तरह से सचिव और प्रधानों द्वारा पंचायत सहायकों का शोषण किया जा रहा है/ 
  • बीते एक वर्ष में पंचायत सहायकों ने क्या कुछ नही झेला,चाहे वह प्रधान और सचिव की धमकियां या फिर गाँव के लोगो की दुश्मनी वो भी सिर्फ 6000 रुपये की नौकरी में इतना शोषण, जगह-जगह से पंचायत सहायकों को मारने-पीटने जैसी घटनाएँ सामने आ रही हैं,

panchayati help
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  • आये दिन पंचायत सहायकों को जान से मारने की धमकियां मिलती रहती हैं ,बल्कि कई जगह तो पंचायत सहायकों की हत्याएं भी कर दी गयी हैं ,
  • इतना ही नहीं अगर कोई पंचायत सहायक, सचिव और प्रधान द्वारा किये जाने वाले कार्य का कोई रिकॉर्ड देखता है तो उसे डांट दिया जाता है ,
  • ऐसी बहुत सी बातें हैं जो हमारे पंचायत सहायक भाई और बहनो के बीच जाकर उनसे बात करने से पता चलती है कि क्यों वो इस्तीफा देने पर मजबूर हो जाते हैं/
  • इसी तरह की परेशानियों को लड़ते पंचायत सहायक अब अनुबंध की प्रक्रिया को हटाने की मांग कर रहे हैं , क्योंकि इतने कम पैसो में कोई पढ़ा लिखा व्यक्ति अपना वक्त और सेल्फ रेस्पेक्ट यूँ यहाँ पर बर्बाद नहीं करेगा, जहाँ पर शोषण होता है, या फिर पैसे बढ़ाये जाएँ और सचिवालय पर समय-समय पर आवश्यक सामिग्री उपलब्ध कराई जाये/ 

इस्तीफा देने के मुख्य कारण 

  • इसका सबसे पहला कारण यह है कि उनका मानदेय समय पर नहीं दिया जाता है/ किसी का माह के अंतिम सप्तेह में आ जाता है और किसी का 4-5 महीने तक नहीं आता है और अगर कोई पंचायत सहायक मानदेय के बारे में बोलता है तो उसको तकनीकी खराबी या कोई भी बहाना बना कर टाल दिया जाता है/
  • दूसरा यह कि इतनी कम सैलरी में पंचायत सहायक सचिवालय में प्रयोग होने वाले इंटरनेट की व्यवस्था खुद से ही करते हैं/
  • तीसरा सचिवालय में प्रयोग होने वाली बहुत सी सामिग्री अपने ही पैसों से लाते हैं/
  • चौथा ब्लॉक स्तर पर होने वाले प्रशिक्षण या जिला स्तर होने वाले अतिरिक्त कार्य या किराये का कोई पैसा नहीं मिलता है/
  • पांचवां पंचायत सहायक की इस नौकरी में किसी भी बच्चे को अपना भविष्य नजर नहीं आता, और वो भी सुबह से शाम तक बंधुआ मजदूर की तरह सिर्फ 200 रुपये प्रतिदिन पर,वह इस नौकरी में अपने बाकी व्यक्तिगत काम नही कर पाते हैं,जिससे वो कुछ अतिरिक्त पैसे कमा सके /
  • छटा और अंतिम कारण यह है कि पंचायत सहायकों से वो कार्य तो करवाए ही नही जा रहे हैं / जाते हैं , वास्तविक रूप से जिनके लिए उन्हें चुना गया है /
  • सातवां पंचायत सचिवालय के कंप्यूटर पर ब्लॉक से कोई भी आकर सचिव और प्रधान के डोंगल से पेमेंट करके चला जाता है और पंचायत सहायक कुछ भी नहीं बोल पाते हैं, और अगर कुछ बोलते हैं तो फिर से वही या तो धमका दिया जाता है या नौकरी से हटाने की धमादी दे दी जाती है, जबकि  पंचायत सचिवालय पर कार्य करने के लिए पंचायत सहायक को नियुक्त किया गया है 

अखबारों से ली गयी कुछ कटिंग 












क्यों की गयी पंचायत सहायकों की नियुक्ति 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि पिछले वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी ग्रामों को इन्टरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए प्रत्येक गाँव में सचिवालय का निर्माण करवाया और प्रत्येक सचिवालयों  में कंप्यूटर,फर्नीचर,और सोलर आदि सुविधा प्रदान की गयी,

इन सभी सचिवालयों के लिए एक-एक पंचायत सहायक की नियुक्ति की गयी, जिनकी कुल संख्या लगभग 58189 थी जिनका कार्य सम्बंधित गाँव के लोगों को ऑनलाइन सुविधाएं सचिवालय के माध्यम से मुहिया कराना था/ 
पर दिन प्रति दिन पंचायत सहायकों की यह संख्या दिन प्रति दिन कम होती जा रही है/

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