संविदा कर्मी पंचायत सहायक,रोजगार सेवक,नर्सिंग कर्मी नहीं होंगे परमानेंट, हाल ही में CAT के दिए आदेश अनुसार /
किसी न किसी के मुंह से आपने ये बात जरुर सुनी होगी कि सरकारी नौकरी से अच्छी कोई और नौकरी नहीं चाहे वह छोटी ही क्यों न सही, और 151 लोगो से 10 साल नौकरी करने के बाद आज उन्हें हटा दिया गया बिना किसी पेंशन या भत्ते के /
देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी से आज सभी परेशान है ऐसे में गरीब व्यक्ति दो वक्त की रोटी के लिए दिन रात मेहनत करता है और अपने बच्चों को बड़ी मुस्किल से पढ़ा रहा है और बच्चा सरकारी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है,
और एक तरफ देश की सरकारों का मुंह ताकता है कि कोई सरकार हमें रोजगार दे दे जिससे हम अपने आगे की पढाई को जारी रख सकें, ऐसी ही कुछ व्यवस्था है संविदाकर्मी या अनुबंध कर्मी,
क्या है ? पूरा मामला
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में नर्शिंग कर्मियों की नियुक्ति 2009 में हुयी थी तीन माह के लिए ,10 साल तक अस्पताल इस अनुबंध को बढ़ाता रहा , और अब दस साल बाद 2022 में परमानेंट नियुक्ति के बाद प्रशासन द्वारा 151 नर्सिंग कर्मियों को हटा दिया गया ,और 42 लोगो की परमानेंट नियक्ति कर ली, और कुछ लोगों ने याचिकाएं डाली तो केंद्र और कैट ने अपनी अपनी दलीले देकर याचिका को ख़ारिज कर दिया/
केंद्र की दलीलें
अनुबंध कर्मियों को सीधे तौर पर परमानेंट होने का कोई अधिकार नही है /
याचिका कर्ताओं को पहले से पता था एक माह के नोटिस पर उनकी सेवाएँ समाप्त करदी जाएगी /
याचिकाकर्ता 2010 और 2014 में नियमित नर्सिंग कर्मियों की भर्ती के लिए जो परीछा हुयी थी उसमे सामिल हुए थे ,लेकिन वे उत्तीर्ण नही हो पाए /
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष रजीत वी. मोरे और सदस्य मोहम्मद जमशेद की पीठ ने यह फैसला दिया CAT ने अनुबंधित कर्मियों को नौकरी से हटाने के फैसले को सही ठहराया है /CAT ने कहा की सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले से साफ़ है, की अस्थायी कर्मियों की मांग पर नियमित कर्मियों की भर्ती को रोका नही जा सकता है ,और 151 कर्मियों को निकाल दिया, /
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